शाओमी के अलावा बैन होने वाली कंपनियों में चीन की प्लेन बनाने वाली कंपनी Comac का नाम भी शामिल है। इस कंपनी की सीधी टक्कर अमेरिका की प्लेन कंपनी एयरबस और बोइंग से है।
Reuter की रिपोर्ट के मुताबिक इस फैसले के बाद अमेरिकी इनवेस्टर्स को इन कंपनियों में अपने निवेश से बाहर निकलना होगा। इन्हें 11 नवंबर 2021 तक ऐसा करना होगा। इससे पहले अमेरिका चाइनीज कंपनी हुवावे (Huawei) के साथ भी ऐसा कर चुका है। इसके पीछे अमेरिका ने वजह बताई है कि इन कंपनियों के राष्ट की सिक्योरिटी को खतरा है, जिसके चलते इन कंपनियों पर बैन का फैसला लिया गया है।
Xiaomi Corp. का शेयर ट्रंप प्रशासन के इस फैसले के बाद 11 पर्सेंट तक गिर गया। शाओमी की सीधी टक्कर अमेरिका की एप्पल ( Apple Inc) से है। शाओमी को 10 साल पहले Lei Jun ने खड़ा किया था। इस कंपनी में शुरुआत में अमेरिका की चिपमेकर कंपनी क्वॉलकॉम ने भी निवेश किया था। शाओमी ने धीरे-धीरे चीन से बाहर यूरोप और इंडिया में अपने बिजनेस का एक्सपेंशन किया और इसका उसे खूब फायदा भी मिला। इंटरनेशनल डाटा कॉरपोरेशन के मुताबिक शाओमी ने तीसरी तिमाही में ग्लोबल स्मार्टफोन सेल्स में एप्पल को पीछे छोड़ दिया था।
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