
भारत के पूर्व इंटरनैशनल गोलकीपर प्रशांत डोरा का मंगलवार को निधन हो गया। वह 44 वर्ष के थे। उनके परिवार में उनका 12 वर्ष का बेटा आदि और पत्नी सौमी हैं।डोरा के बड़े भाई हेमंत के मुताबिक लगातार बुखार आने के बाद उन्हें हेमोफैगोसाइटिक लिम्फोहिस्टियोसाइटोसिस (एचएलएच) का पता चला था। ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (एआईएफएफ) के अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने डोरा के असामयिक निधन पर शोक व्यक्त किया है।
पटेल ने अपने शोक संदेश में कहा, ‘यह सुनकर दुख हुआ कि प्रशांत डोरा नहीं रहे। परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं।’ एआईएफएफ के महासचिव कुशल ने कहा,’प्रशांत डोरा एक बहुत ही प्रतिभाशाली गोलकीपर थे, जिन्होंने इंटरनैशनल और डोमेस्टिक लेवल पर ख्याति प्राप्त की। उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं। हम उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं।’
We are deeply saddened by the untimely demise of former Mohun Bagan and Indian National team goalkeeper Prasanta Dora. He was part of Mohun Bagan in 2001 and then from 2003 to 05. His heroics under the bar helped #Mariners to win the 2003 IFA Shield
Rest in Peace Prasanta Dora. pic.twitter.com/K4C5sdnuzB
— Mohun Bagan (@Mohun_Bagan) January 26, 2021
MAFC is saddened by the news former India team Goalkeeper Prashant Dora passing away.
Thoughts & prayers are with his family in this difficult time.
RIP. 🌹🙏🏼 pic.twitter.com/FruS08s7QY
— Minerva Academy Football & Cricket Club (@minervapunjabfc) January 26, 2021
भारत और मोहन बागान फुटबॉल क्लब के लिए गोलकीपर के रूप में खेलने वाले डोरा का मंगलवार सुबह कोलकाता में निधन हो गया। डोरा ने वर्ष 1999 में काठमांडू में दक्षिण एशियाई महासंघ खेलों में नेपाल के खिलाफ अपना इंटरनैशनल डेब्यू किया था, जहां भारत ने ब्रोन्ज मेडल जीता था। उन्होंने चार आधिकारिक इंटरनैशनल मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया था, जबकि 2000 और 2001 में डोमेस्टिक लेवल पर संतोष ट्रॉफी में बंगाल का प्रतिनिधित्व किया था।
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