
हाइलाइट्स:
- फ्रांसीसी राफेल और मिराज 2000 लड़ाकू विमान ने परमाणु हमला करने की क्षमता का टेस्ट किया
- फ्रांसीसी एयरफोर्स के ऑपरेशन पोकर में दोनों लड़ाकू विमानों ने दागीं परमाणु मिसाइलें
- यूरोप में बढ़ते तनाव के बीच फ्रांस भी अपनी रक्षा क्षमता को कर रहा है मजबूत
यूरोप में युद्ध की आहट के बीच फ्रांस ने भी अपनी जंगी तैयारियों को तेज कर दिया है। बुधवार को फ्रांसीसी एयरफोर्स में शामिल राफेल और मिराज 2000 लड़ाकू विमानों ने एक युद्धाभ्यास के तहत परमाणु मिसाइलें दागकर अपनी ताकत को एक बार फिर दिखाया है। दरअसल इन दिनों यूक्रेन बॉर्डर पर रूसी फौज के जमा होने से तनाव चरम पर है। दूसरी तरफ, नॉर्वे में अमेरिकी बॉम्बर्स के पहुंचने से गुस्साए रूस ने अपनी नौसेना की उत्तरी फ्लीट को तैनात किया हुआ है।
फ्रांस ने ‘ऑपरेशन पोकर’ को दिया अंजाम
फ्रांसीसी वायुसेना की परमाणु निवारक बल (Nuclear Deterrent Force) ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया है। फ्रांस हर साल अपनी परमाणु हमले की क्षमता की जांच के लिए ऑपरेशन पोकर के नाम से 4 बार युद्धाभ्यास करता है। ये युद्धाभ्यास अधिकतर रात में किए जाते हैं। जिसके दौरान फ्रांसीसी वायुसेना अपने ऊपर हुए परमाणु हमले के जवाब में सेकेंड स्ट्राइक कैपिबिलिटी का टेस्ट करती है।
50 लड़ाकू विमानों ने ऑपरेशन में लिया हिस्सा
फ्रांसीसी एयरफोर्स ने बताया कि बुधवार रात को हुए इस एक्सरसाइज में कुल 50 लड़ाकू विमानों ने हिस्सा लिया। ये लड़ाकू विमान फ्रांस के अलग-अलग एयरबेस से उड़ान भरकर ऑपरेशन पोकर में शामिल हुए थे। इसमें राफेल, डब्ल्यूसी-135 और ए 330 एमआरटीटी विमानों के अलावा अवाक्स ई-3 एस और मिराज 2000 लड़ाकू विमान शामिल थे।
5 से 6 घंटे में ऑपरेशन हुआ खत्म
कुल 6 से 7 घंटे के इस ऑपरेशन में फ्रांसीसी लड़ाकू विमानों ने भूमध्य सागर के ऊपर से उड़ान भरते हुए मध्य फ्रांस में बने टेस्टिंग रेंज में परमाणु हथियारों को फायर किया। फ्रांसीसी मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि इस दौरान कुछ लड़ाकू विमानों ने दुश्मन के विमान होने का रोल भी किया। इसके अलावा फ्रांसीसी लड़ाकू विमानों ने दुश्मन के एयर डिफेंस जोन में घुसकर हमला करने का भी अभ्यास किया।
बड़े पैमाने पर हथियारों को टेस्ट कर रहा है फ्रांस
फ्रांसीसी एयरफोर्स और नेवी में तैनात राफेल लड़ाकू विमानों पर 2009 और 2010 से ही न्यूक्लियर एयर लॉन्च क्रूज मिसाइलों (ASMPA) से लैस किया जा चुका है। हाल के दिनों में अपनी मिसाइलों की क्षमता को सुधारने के लिए फ्रांस बड़े पैमाने पर हथियारों को टेस्ट कर रहा है। एमबीडीए भी नई मीडियम एनर्जी की थर्मोन्यूक्लियर चार्ज वाली मिसाइलों (ASN4G) को बनाने पर जोर दे रही है।
घातक परमाणु मिसाइल बना रही फ्रांसीसी कंपनी
एमबीडीए आने वाले दिनों में ASN4G को विकसित करने के बाद ASMPA को रिप्लेस कर देगी। ASN4G को वर्तमान में मौजूद दुनिया की कोई भी मिसाइल डिफेंस प्रणाली रोक नहीं सकती है। हवा से लॉन्च होने के कारण इसकी मारक क्षमता और रेंज भी अधिक है। ऐसे में अगर राफेल लड़ाकू विमान इस मिसाइल से लैस होता है तो इससे फ्रांस की सामरिक शक्ति में बड़ा इजाफा होगा।
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