
हाइलाइट्स:
- ऑक्सफोर्ड- एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की पहली ही खुराक कोरोना संक्रमण के खिलाफ असरदार
- ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के एक अध्ययन में किया गया दावा, द लांसेट में प्रकाशित हुआ शोध
- टीके की एक खुराक के बाद 22वें दिन से 90 दिन के बीच सुरक्षा मिलने का दावा
ऑक्सफर्ड- एस्ट्राजेनेका के टीके की पहली खुराक कोविड-19 के संक्रमण को 67 प्रतिशत तक कम करने में मदद कर सकती है और घातक वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने में यह बहुत प्रभावी है। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के एक अध्ययन में बुधवार को यह कहा गया। ब्रिटेन की सरकार ने इसे दुनिया के लिए अच्छी खबर बताया है क्योंकि कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ मुकाबले में टीके की भूमिका महत्वपूर्ण है।
संक्रमण के खिलाफ असरदार है आक्सफर्ड की वैक्सीन
नवीनतम शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि आंकड़ों से पता चला है कि यह (टीका) आबादी के बीच संक्रमित लोगों की संख्या घटाकर संक्रमण रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। विज्ञान पत्रिका द लांसेट में रिपोर्ट के प्रकाशन के पहले ऑक्सफोर्ड के टीके के परीक्षण के नतीजे की समीक्षा की जा रही है। अध्ययन में पाया गया कि दो खुराकों के बीच तीन महीने का अंतराल भी घातक वायरस के खिलाफ सुरक्षा में प्रभावी रहेगा।
22 दिन से दिख रहा असर
ऑक्सफर्ड- एस्ट्राजेनेका के टीके की एक खुराक के बाद 22 वें दिन से 90 दिन के बीच सुरक्षा मिलने लगती है। इसका मतलब है कि पहली और दूसरी खुराक के बीच तीन महीने में प्रतिरक्षा कमजोर नहीं होती। ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैंकॉक ने कहा, कि ऑक्सफोर्ड के टीके के बारे में यह शानदार खबर है। संक्रमण के मामलों में दो तिहाई की कमी होती है, खुराकों के बीच प्रतिरक्षा मजबूत होती है और अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं होती। यह टीका काम कर रहा है।
मरीजों की संख्या में कमी का दावा
उन्होंने कहा, ‘‘यह वाकई एक अच्छी खबर है कि इससे ना केवल अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या घटेगी बल्कि संक्रमण के मामले भी कम होंगे। इस परीक्षण में हिस्सा लेने वाले किसी भी व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत नहीं पड़ी।’’ अध्ययन में पाया गया कि टीके की एक मानक खुराक 90 दिनों तक कोविड-19 से बचाव करने में कारगर है।
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