
हाईकोर्ट ने तांडव वेब सीरीज के कंटेंट पर सख्त नाराजगी जताई है. कोर्ट ने कहा अभिव्यक्ति के नाम पर हिंदू देवी-देवताओं का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. कोर्ट ने कहा है कि संविधान निर्माताओं का उद्देश्य था कि सभी धर्मों का सम्मान हो. दरअसल अपर्णा पुरोहित की ओर से दाखिल अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई पूरी होने के बाद हाईकोर्ट ने 4 फरवरी को फैसला किया सुरक्षित कर लिया था. जस्टिस सिद्धार्थ की एकल पीठ ने फैसला सुनाते हुए अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है.
इससे पहले कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखे जाने तक अपर्णा पुरोहित की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी. गौरतलब है कि गौतम बुद्ध नगर जिले में अपर्णा पुरोहित समेत अन्य के खिलाफ तांडव वेब सीरीज के प्रसारण के जरिए हिंदू देवी-देवताओं और हिंदुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई गई थी. अपर्णा पुरोहित और अन्य के खिलाफ धारा 153- A (1) (B), 295- A, 505 (1) (B), 505 (2) धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई गई थी.
आपको बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट की सिंगल बेंच के न्यायाधीश दिनेश कुमार सिंह ने मामले में अपर्णा पुरोहित को हजरतगंज कोतवाली पहुंचकर बयान दर्ज कराने के निर्देश दिए थे. इसके बाद वे बयान दर्ज करवाने लखनऊ पहुंची.इन पर दर्ज है मुकदमा
गौरतलब है कि तांडव वेब सीरीज रिलीज होने के बाद कुछ विवादित सीन को लेकर पूरे देश मे विरोध हुआ था. कई हिन्दू संगठनों ने जगह जगह विरोध प्रदर्शन भी किया था. इसी दौरान 18 जनवरी को लखनऊ में अमेजॉन प्राइम की नेशनल हेड अपर्णा पुरोहित, तांडव वेब सिरीज के डायरेक्टर अली अब्बास, प्रोड्यूसर हिमांशु कृष्ण मेहर और राइटर गौरव सोलंकी के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था.
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