
हाइलाइट्स:
- अमेरिका के जो बाइडेन ने पदभार ग्रहण करते ही डोनाल्ड ट्रंप के फैसलों को पलटा
- जो बाइडेन ने बुधवार को एक साथ कई कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए
- इनमें कई मुस्लिम देशों से लोगों के यात्रा पर लगाया गया बैन भी हटा लिया गया है
अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पदभार ग्रहण करते ही डोनाल्ड ट्रंप के फैसलों को पलटने वाले आदेश जारी कर दिए। बाइडेन ने बुधवार को एक साथ कई कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए। इसमें जहां प्रवासियों को राहत दी गई है, वहीं कई मुस्लिम देशों से यात्रा पर लगाया गया बैन भी हटा लिया गया है। कोरोना के खतरे को देखते हुए जो बाइडेन ने देशभर में मास्क को अनिवार्य कर दिया है। साथ ही मैक्सिको की सीमा पर बन रही बाड़ के पैसे को भी रोक दिया गया है।
जो बाइडेन ने पेरिस जलवायु समझौते में फिर से शामिल होने को हरी झंडी दे दी और विश्व स्वास्थ्य संगठन से अमेरिका के हटने की प्रक्रिया को भी रोक दिया है। बाइडेन ने कुल 15 कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किया है। इससे पहले बाइडेन की टीम ने कहा था कि इन आदेशों पर हस्ताक्षर ट्रंप द्वारा किए गए नुकसान की भरपाई है। इन आदेशों पर हस्ताक्षर के बाद बाइडन ने कहा कि बर्बाद करने के लिए समय नहीं करना है।
अमेरिका में 100 दिनों के लिए मास्क पहनना जरूरी
उन्होंने कहा, ‘आज जिन कुछ कार्यकारी आदेशों पर मैं हस्ताक्षर करने जा रहा हूं, वे कोरोना संकट से बदलाव में मदद करेंगे। हम जलवायु परिवर्तन से इस तरह से निपटेंगे जिस तरह से हम पहले कभी नहीं किए। साथ ही सभी नस्लों के लोगों के बीच एकता पर काम करेंगे और यह प्रयास करेंगे कि सभी समुदाय एक-दूसरे को समझें।’ बाइडेन के इस आदेश के बाद अमेरिका में 100 दिनों के लिए मास्क पहनना जरूरी हो गया है। बाइडेन ने ट्रंप के फैसले को पलटते हुए मुस्लिमों पर से बैन को हटा लिया है। वर्ष 2017 में ट्रंप ने सात मुस्लिम बहुल देशों पर यह बैन लगाया था।
इससे पहले जो बाइडेन ने घरेलू आतंकवाद और श्वेतों को श्रेष्ठ मानने वाली मानसिकता को हराने की लड़ाई में अमेरिका के सभी नागरिकों से शामिल होने का आह्वान किया था। राष्ट्रपति जो बाइडन ने बुधवार को शपथ ग्रहण के बाद अपने पहले भाषण में कहा कि आज ‘हम एक उम्मीदवार की जीत का नहीं बल्कि लोकतंत्र के मक़सद और लोकतंत्र की जीत का जश्न मना रहे हैं।’ देश के 46वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद 78 वर्षीय बाइडन ने ना सिर्फ अपने वैश्विक सहयोगियों के साथ संबंधों को दुरुस्त करने का वादा किया बल्कि देश के लोगों से ‘सच की रक्षा करने और झूठ को हराने का भी आह्वान किया।’
‘आज अमेरिका का दिन है…. लोकतंत्र की जीत हुई है’
नवंबर में घोषित चुनाव परिणाम में बाइडन की जीत को अस्वीकार करने के ट्रंप के प्रयासों का परोक्ष संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा, ‘आज अमेरिका का दिन है…. लोकतंत्र की जीत हुई है।’ कोरोना वायरस संक्रमण और नस्ली अन्याय के खिलाफ लड़ाई जैसी चुनौतियों का संदर्भ देते हुए बाइडन ने कहा, ‘एकजुट होकर हम बहुत कुछ कर सकते हैं।’ महामारी को हराने, हालात सुधारने, देश को एकजुट करने के अपने दृष्टिकोण से सभी को अवगत कराते हुए उन्होंने कहा, ‘एकजुटता ही आगे का रास्ता है।’ बाइडन ने इस बात पर जोर दिया कि वह सभी अमेरिकी नागरिकों के राष्ट्रपति हैं, उन्हें वोट देने वालों के भी और नहीं देने वालों के भी। अपने 21 मिनट लंबे भाषण में बाइडन ने चुनौती स्वीकार करने और लोकतंत्र बहाल करने के लिए अमेरिकी नागरिकों की प्रशंसा की।

जो बाइडेन ने एक साथ कई कार्यकारी आदेशों पर किए हस्ताक्षर
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